गोरखपुर जिले में 18 दिन की हड़ताल के बाद खाली हाथ काम पर लौटे लेखपाल अब काम के बोझ तले दब गए हैं। मांगे तो पूरी नहीं र्हुइं अलबत्ता उनके सामने 24 हजार से अधिक जाति, आय, निवास प्रमाण पत्रों के साथ ही सीएम, राजस्व परिषद, संपूर्ण समाधान दिवस, कमिश्नर आदि के लंबित पड़े संदर्भों को निपटाने की चुनौती जरूर सामने आ गई है। हालांकि लेखपाल संघ के अध्यक्ष नीलकंठ दूबे और मंत्री जगदीश प्रसाद का कहना है कि अपर मुख्य सचिव राजस्व व राजस्व परिषद के चेयरमैन ने प्रदेश नेतृत्व को आश्वस्त किया है कि दो महीने के भीतर उनकी सभी मांगे पूरी कर दी जाएंगी।
10 दिसंबर से जिले के लेखपाल हड़ताल पर थे। शनिवार की शाम प्रदेश नेतृत्व के कहने पर उन्होंने हड़ताल खत्म की। इस दौरान सभी तहसीलों में जाति, आय, निवास आदि के प्रमाण पत्रों के आवेदन लंबित पड़े थे जिसकी वजह से आवेदक बहुत परेशान थे। प्रमाणपत्र नहीं मिल पाने की वजह से कई आवेदक गोरखपुर और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में शिक्षकों समेत अन्य विभागों में भी विभिन्न पदों की नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे। हड़ताल खत्म होने की सूचना के बाद सोमवार को जैसे ही तहसील कार्यालय खुले, सुबह से ही आवेदकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई और शाम तक तमामआवेदक अपने-अपने क्षेत्र के लेखपालों की तलाश में भटकते रहे।