नौनिहालों को पांच बीमारियों से बचाने वाला पेंटावैलेंट टीका और सिरिंज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। माताएं अपने छह सप्ताह के शिशु को जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और शहरी स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर यह टीका लगवा सकती हैं।
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत माता और शिशु की बीमारियों से रक्षा के लिए गर्भधारण से लेकर बच्चे के पांच वर्ष तक होने तक विभिन्न प्रकार के टीके लगाए जाते हैं। सरकारी अस्पतालों में ये टीके और ओरल खुराक मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके तहत जन्म के तुरंत बाद शिशु को हेपेटाइटिस बी वैक्सीन की आधा एमएल डोज दिया जाता है। पंद्रह दिन के भीतर पोलियो की खुराक ओरल ड्रॉप के जरिए दी जाती है।
शिशु के छह सप्ताह का होने पर पेंटावैलेंट वैक्सीन की आधा एमएल डोज लगाई जाती है। यह वैक्सीन शिशु को डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनस, हेपेटाइटिस बी और हीमोफिलस इनफ्लूएंजा टाइप बी बीमारियों से बचाता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 दिसंबर तक जिला अस्पताल, 24 सीएचसी, 18 पीएचसी, 54 न्यू पीएचसी और 24 शहरी पीएचसी को 1040 वायल यानी 10400 डोज का वितरण किया गया।
जिले के स्टॉक में वर्तमान में 2835 वायल यानी 28,350 डोज उपलब्ध हैैं। आधा एमएल डोज वाली पेंटा वैलेंट वैक्सीन लगाने के लिए आधा एमएल क्षमता की सिरिंज का इस्तेमाल किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के स्टॉक में आधा एमएल की 2,36,400 सिरिंज उपलब्ध हैं।
शिशु के छह सप्ताह का होने पर पेंटावैलेंट वैक्सीन की आधा एमएल डोज लगाई जाती है। यह वैक्सीन शिशु को डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनस, हेपेटाइटिस बी और हीमोफिलस इनफ्लूएंजा टाइप बी बीमारियों से बचाता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 दिसंबर तक जिला अस्पताल, 24 सीएचसी, 18 पीएचसी, 54 न्यू पीएचसी और 24 शहरी पीएचसी को 1040 वायल यानी 10400 डोज का वितरण किया गया।
जिले के स्टॉक में वर्तमान में 2835 वायल यानी 28,350 डोज उपलब्ध हैैं। आधा एमएल डोज वाली पेंटा वैलेंट वैक्सीन लगाने के लिए आधा एमएल क्षमता की सिरिंज का इस्तेमाल किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के स्टॉक में आधा एमएल की 2,36,400 सिरिंज उपलब्ध हैं।
टीकाकरण में नहीं इस्तेमाल होती एक एमएल की सिरिंज
संशोधित राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं से लेकर पांच साल के शिशुओं को जो भी टीके लगाए जाते हैं उनकी डोज आधा एमएल से अधिक नहीं होती। पिलाई जाने वाली खुराक की मात्रा ही एक एमएल या उससे अधिक होती है।
आधा एमएल की वैक्सीन में हेपेटाइटिस बी, बीसीजी, पीसीवी, पेंटावैलेंट, खसरा, जेई-1 और डीपीटी बूस्टर डोज होती है। इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) की मात्रा 0.1 एमएल होती है। ऐसे में टीकाकरण के लिए एक एमएल की सिरिंज का इस्तेमाल होता ही नहीं है।
टीकाकरण कार्यक्रम पूरी सक्रियता के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है। वैक्सीन का स्टॉक और कोल्डचेन पूरी तरह मेनटेन है। पेंटावैलेंट वैक्सीन और आधा एमएल की सिरिंज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। माताओं से अपील है कि अपने बच्चों का समय पर टीकाकरण कराएं