साल का आखिरी कंकण सूर्य ग्रहण गोरखपुर में बृहस्पतिवार को सुबह 8.23 बजे से शुरू होकर सुबह 11.12 बजे समाप्त हो जाएगा। इस सूर्य ग्रहण के दौरान छह ग्रह एक सीध में होंगे। ऐसा योग 57 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 1962 में सूर्यग्रहण के दौरान सात ग्रह एक सीध में आए थे।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि धनु राशि में इस समय सूर्य बृहस्पति, शनि, केतु और चंद्रमा का गोचर है, जो राशियों को अच्छे और बुरे प्रभाव देंगे। ऐसे ग्रहण का प्रभाव कभी किसी के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। किसी राशि के लिए कम या फिर ज्यादा बुरा हो सकता है। ग्रहण के दौरान सूर्य लाल अंगूठी जैसा दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक काल बुधवार रात 8:17 बजे लग गया है।
ग्रहण में क्या करें और क्या न करें
भारतीय विद्वत समिति के महामंत्री डॉ. जोखन पांडेय, पंडित घनश्याम पांडेय और पंडित शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि सूर्य ग्रहण में भगवान सूर्य की पूजा, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं। परन्तु तेल, घी, दूध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर, चटनी, मुरब्बा आदि में तिल या कुशातृण रख देने से ये ग्रहण काल में दूषित नही होते हैं।
सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुशा डालने की आवश्यकता नहीं है। ग्रहण के समय तथा ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है। ग्रहण काल में सोना, खाना- पीना, तैलमर्दन निषिद्ध है। नाखून भी नहीं काटना चाहिए।
गोरखपुर में ग्रहण
स्पर्श का समय आठ बजकर 23 मिनट 20 सेकेंड।
मध्यकाल नौ बजकर 41 मिनट 34 सेकेंड।
मोक्ष 11 बजकर 12 मिनट 50 सेकेंड।
नक्षत्रशाला में टेलीस्कोप से देख सकेंगे सूर्यग्रहण
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला में आंशिक सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना को टेलीस्कोप और सूर्य ग्रहण सोलर चश्मों की मदद से दिखाया जाएगा। इस दौरान सूर्य का लगभग 44.11 प्रतिशत भाग चन्द्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा। सुबह 11:12 बजे आंशिक सूर्यग्रहण समाप्त हो जाएगा। क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि नक्षत्रशाला पर दो दूरबीनों की स्थापना की जाएगी। इन में से दो दूरबीनों पर प्रोजेक्शन के माध्यम से आंशिक सूर्यग्रहण का अवलोकन कराया जाएगा। दो सौर दूरबीनों पर फिल्टर लगाकर सूर्य ग्रहण दिखाया जाएगा। यह छल्लेदार (वलयाकार) सूर्यग्रहण है, जो कि भारतवर्ष के केरल एवं तमिलनाडु राज्यों में देखा जा सकेगा।